रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच लगातार तेज हो रही है। इसी क्रम में आरोपी और राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को सोमवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 11 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की रिमांड पर भेज दिया गया। यह दूसरी बार है जब ईओडब्ल्यू ने लखमा को अपनी हिरासत में लिया है।
इस घोटाले में लखमा की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। ईओडब्ल्यू अब उनसे पूछताछ कर और जानकारी जुटा रही है ताकि घोटाले की पूरी परतें खोली जा सकें।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले में जेल में बंद एपी त्रिपाठी, अनुराग द्विवेदी और दीपक दुआरी को जमानत दे दी थी। हालांकि, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टूटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं, जिससे इन दोनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
बता दें कि यह छत्तीसगढ़ शराब घोटाला करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का माना जा रहा है, जिसमें कई रसूखदारों के नाम सामने आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला राज्य की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।