रायपुर की विधानसभा में भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर तीखा राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए एक महत्वपूर्ण मुद्दा उजागर किया।
मुख्य विवाद के बिंदु
जांच में अनियमितता के आरोप
- सदन में कमिश्नर से जांच की घोषणा
- बाद में अचानक EOW को जांच सौंपी गई
- विपक्ष ने इस बदलाव पर सवाल उठाए
विधानसभा में उठे प्रमुख सवाल
- सदन के संज्ञान के बिना EOW जांच क्यों?
- मंत्री के पहले बयान में क्या था अंतर?
- निर्णय में पारदर्शिता की कमी
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
नेता प्रतिपक्ष का बयान
डॉ. चरणदास महंत ने स्पष्ट किया कि सदन में दिए गए जवाब और बाद के निर्णय में स्पष्ट विसंगति है।
स्पीकर का रुख
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्पष्ट किया कि जांच की घोषणा सदन के संज्ञान में होनी चाहिए।
विधायक की चिंता
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने इसे विशेषाधिकार हनन का मुद्दा बताया।
अगले कदम
मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में जल्द ही इस मामले पर वक्तव्य देने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष: भारतमाला प्रोजेक्ट की जांच को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है, और आने वाले समय में इस मुद्दे पर और अधिक खुलासे की संभावना है।