छत्तीसगढ़ में खनिज खनन ने 2024-25 में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अप्रैल से फरवरी के बीच राज्य ने 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित किया, जो पारदर्शी खनन नीति और ई-नीलामी के कारण संभव हुआ। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी है, जिसमें पहली बार देश में लिथियम ब्लॉक भी शामिल है।
खनिज अन्वेषण को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 56 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से 31 परियोजनाएं क्रिटिकल और डीप सीटेड मिनरल्स पर केंद्रित हैं। बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलांस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। खनिज राजस्व से मिलने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और कौशल विकास जैसी बुनियादी सुविधाओं पर खर्च किया जा रहा है।
खनिज संपदा के समुचित उपयोग से छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार खनन क्षेत्र को पारदर्शी और पर्यावरण-संवेदनशील रणनीतियों के साथ आगे बढ़ा रही है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी खनिज संपदा के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में और मजबूत पहचान बनाएगा।