रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जल जीवन मिशन और सौर सुजला योजना की समीक्षा करते हुए सोलर पेयजल पंपों की 100% कार्यशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सचिव स्तरीय बैठक में क्रेडा के सी.ई.ओ. राजेश सिंह राणा भी उपस्थित रहे, जहां आगामी ग्रीष्म ऋतु में राज्य के सभी गांवों में पेयजल की उपलब्धता बनाए रखने पर चर्चा की गई।
सोलर पेयजल पंपों की निगरानी और सुधार के निर्देश
प्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से जल जीवन मिशन के तहत सोलर पेयजल पंप स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सोलर पंप कार्यशील हों और छोटी-मोटी खराबियों को जल्द सुधारा जाए। शिकायत दर्ज कराने के लिए चार अंकों वाला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। पानी की बर्बादी रोकने के लिए सेंसर आधारित तकनीक का उपयोग करने के निर्देश भी दिए गए।
राज्य के सभी जोनल और जिला कार्यालयों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए गए कि सात दिनों के भीतर सभी अकार्यशील सोलर पंपों को सुधारकर कार्यशील किया जाए। समय पर कार्य पूरा न करने वाले अधिकारियों और इकाइयों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
सौर सुजला योजना: किसानों के लिए सोलर पंप
क्रेडा द्वारा संचालित सौर सुजला योजना के तहत किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाने के कार्यों की समीक्षा भी की गई। इस बैठक में रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग के क्रेडा अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। अब तक 2,407 सोलर पंपों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जिलेवार और इकाईवार प्रगति की समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले इकाइयों को तत्काल कार्य प्रारंभ करने की चेतावनी दी। यदि कोई इकाई तय समय में कार्य पूरा नहीं करती, तो उसकी स्वीकृति रद्द कर दी जाएगी और उसे दूसरी इकाई को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
गुणवत्ता और समयबद्धता पर जोर
क्रेडा के जिला प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि वे स्थल पर जाकर निरीक्षण करें और ऑनलाइन पोर्टल पर फोटोग्राफ्स सहित कार्य प्रगति की रिपोर्ट भेजें। इससे जल जीवन मिशन और सौर सुजला योजना के तहत सभी कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जा सकें।