नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 640 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मुआवजा रायपुर के पचपेड़ी नाका से शदाणी दरबार तक फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान प्रभावित हुए नागरिकों को दिया जाएगा।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एनएचएआई को शुरुआती तौर पर 320 करोड़ रुपये का भुगतान तुरंत करना होगा। शेष राशि अगले 6 महीनों के भीतर प्रभावित लोगों को दी जानी चाहिए। अदालत ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी पर चिंता जताई और इसे न्याय में बाधा बताया।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई को निर्देशित किया कि फोरलेन के दोनों ओर सर्विस लेन का निर्माण अनिवार्य रूप से किया जाए। जिन स्थानों पर इस निर्माण में अड़चन आ रही है, वहां बने अवैध या अनधिकृत निर्माणों को तोड़ने का आदेश भी दिया गया है।
यह फैसला उन हजारों लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिनकी भूमि या संपत्ति इस सड़क परियोजना में प्रभावित हुई थी। यह आदेश न केवल आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करता है, बल्कि भविष्य की परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रभावित नागरिकों को शीघ्र राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं एनएचएआई को निर्माण कार्यों में संतुलन और सामाजिक उत्तरदायित्व का ध्यान रखने की सख्त हिदायत भी मिल गई है।