नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ औपचारिक आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया है। यह कदम एजेंसी द्वारा लंबे समय से जारी जांच के बाद सामने आया है।
661 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू
इससे पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की ₹661 करोड़ की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के रजिस्ट्री कार्यालयों को नोटिस जारी कर संपत्तियों के भौतिक अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
- नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी AJL को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने अधिग्रहित किया था।
- इस यंग इंडियन कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है।
- ईडी का आरोप है कि इस सौदे के जरिए AJL की कीमती संपत्तियों का गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया, जो मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है।
पूछताछ और जांच का सिलसिला
ईडी ने जांच के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई बार पूछताछ की। जांच एजेंसी को शक है कि इस सौदे में वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं और मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का उल्लंघन किया गया है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: “राजनीतिक प्रतिशोध”
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को निशाना बना रही है। कांग्रेस के नेताओं ने इस पूरे मामले को “लोकतंत्र को दबाने की साजिश” बताया है।