बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की टुंडरा तहसील में एक महिला पटवारी और उनके अनौपचारिक सहायक पर किसानों से रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है।
कैसे हुआ खुलासा?
आरोप है कि महिला पटवारी रितेश तंवर और उनके पति, जो अनौपचारिक रूप से उनकी मदद कर रहे थे, फार्मर आईडी बनाने के बदले 500 रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। फार्मर आईडी किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और भूमि रिकॉर्ड सुधार के लिए अनिवार्य है। जब किसान इस प्रक्रिया के लिए पटवारी के पास पहुंचे, तो उनसे अवैध वसूली की गई।
इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें सहायक को किसान से पैसे लेते हुए साफ देखा जा सकता है।
सरकार की त्वरित कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद, राजस्व विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला पटवारी रितेश तंवर को निलंबित कर दिया। मामले की आगे जांच जारी है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक संदीप साहू ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा,
“यह घटना कैमरे में कैद हो गई, इसलिए कार्रवाई हुई, लेकिन जहां सबूत नहीं होते, वहां भ्रष्टाचार जारी रहता है।”
उन्होंने एक अन्य घटना का हवाला देते हुए कहा कि सुहेला तहसील में एक तहसीलदार द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के कारण एक किसान ने आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन सरकार ने निष्पक्ष जांच नहीं करवाई।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक भ्रष्टाचार का यह मामला सरकार के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और भ्रष्टाचार पर सरकार की सख्ती कितनी प्रभावी साबित होती है।