रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) के 660 करोड़ रुपये के रीजेंट खरीदी घोटाले में पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में दो महाप्रबंधक और एक उप संचालक शामिल हैं। सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में बसंत कौशिक, डॉ. अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनकर और दीपक बांधे के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, इस घोटाले में पहले ही मोक्षित कॉरपोरेशन के डायरेक्टर शाशांक चोपड़ा को हिरासत में लिया जा चुका है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को एक पत्र लिखकर 660 करोड़ रुपये के वित्तीय गड़बड़ी की जानकारी दी थी।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार:
✔ CGMSC ने 2022-24 और 2023-24 के दौरान बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की।
✔ आवश्यकता से अधिक दवाएं, रसायन और उपकरण खरीदे गए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
✔ 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण भेजे गए, जिनमें से 350 केंद्रों में आवश्यक तकनीकी और भंडारण सुविधाएं ही नहीं थीं।
✔ स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी विस्तृत सर्वेक्षण के ही उपकरणों और रीजेंट की खरीद की, जिससे यह घोटाला और गंभीर हो गया।
आगे क्या होगा?
ईओडब्लू इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही अन्य बड़े अधिकारियों की संलिप्तता उजागर होने की संभावना जताई जा रही है। इस घोटाले को लेकर राज्य सरकार भी सख्त रुख अपना रही है, जिससे आगे इस तरह की वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके।