सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार की “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर 1 महिला समेत 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस के बढ़ते प्रभाव और नक्सलियों की अमानवीय विचारधारा, शोषण, अत्याचार और स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा से तंग आकर उन्होंने लाल आतंक का साथ छोड़ने का फैसला लिया।
किन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण?
पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में बिना हथियार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम इस प्रकार हैं:
- कलमू आयते उर्फ कुहराम – (केएएमएस अध्यक्ष, दुलेड़ आरपीसी) ₹2 लाख का इनामी नक्सली
- नुप्पो रघु – (मिलिशिया सदस्य, मोरपल्ली आरपीसी)
- मड़कम कोना – (मिलिशिया सदस्य, मोरपल्ली आरपीसी)
- सोड़ी लच्छा – (मिलिशिया सदस्य, मोरपल्ली आरपीसी)
पुलिस और प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण
इन नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत (प्रभारी, नक्सल सेल), निरीक्षक अरपर्ण गोगोई (50 वाहिनी CRPF), निरीक्षक सुजीत कुमार (223 वाहिनी CRPF) के सामने आत्मसमर्पण किया।
सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिलेगा
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर एक बेहतर जीवन जी सकें।
छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं और पुलिस की रणनीति का असर साफ दिख रहा है, जिससे नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं।