सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए किसी झटके से कम नहीं रहा। वैश्विक मंदी की आहट और अमेरिकी नीतियों के कारण शेयर बाजार गिरावट 2025 में एक नया मोड़ लेती दिखी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के करीब ₹19 लाख करोड़ डूब गए।
सेंसेक्स 3,072 अंकों की गिरावट के साथ 72,296 पर खुला, जबकि निफ्टी 1,146 अंक टूटकर 21,758 पर पहुंच गया। यह गिरावट लगभग 4-5% की रही, जो एक ही दिन में काफी बड़ी मानी जाती है। BSE की लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹19.4 लाख करोड़ घटकर ₹383.95 लाख करोड़ रह गया।
वैश्विक संकेतों से भारी दबाव
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका में मंदी की आशंका और टैरिफ नीतियों के चलते ट्रेड वॉर का डर रहा। इसका असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हॉन्ग कॉन्ग, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुए। हेंग सेंग इंडेक्स 10% टूटा, जो 2008 के संकट के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।
निवेशकों में भय का माहौल
भारत में निवेशकों के डर को RBI की आगामी MPC मीटिंग, औद्योगिक उत्पादन (IIP), खुदरा महंगाई (CPI) के आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजों ने और गहरा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिकी मंदी की आशंका बनी रही, तो बाजार में और गिरावट संभव है।