हनुमान जयंती 2025: दो बार क्यों मनाई जाती है? जानें पूरा रहस्य

हनुमान जयंती 2025 हनुमान भक्तों के लिए एक बेहद पावन और विशेष दिन है। इस साल यह पर्व दो बार मनाया जाएगा—12 अप्रैल और 19 अक्टूबर को। यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है? इसका जवाब पौराणिक मान्यताओं और क्षेत्रीय परंपराओं में छिपा है।

दो जयंती, दो मान्यताएं

दक्षिण भारत में मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी को नया जीवन मिला था, जब वे सूर्य को फल समझकर निगलने की कोशिश में मूर्छित हो गए थे। पवनदेव के क्रोधित होने पर ब्रह्मा जी ने उन्हें जीवनदान दिया और देवताओं ने उन्हें अपनी शक्तियां दीं। इसी दिन को हनुमान जी की पुनर्जन्म की तिथि माना गया और हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।

वहीं उत्तर भारत में यह पर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है, जिसे विजय अभिनंदन महोत्सव भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीराम और माता सीता ने हनुमान जी को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया था।

हनुमान जयंती 2025 की तिथियां

  • 12 अप्रैल 2025 (चैत्र पूर्णिमा) – दक्षिण भारत में मान्य हनुमान जयंती
  • 19 अक्टूबर 2025 (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) – उत्तर भारत में प्रचलित जयंती

इन दोनों अवसरों पर भक्त हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, और हनुमान आरती का पाठ करते हैं और व्रत रखते हैं।

हनुमान जयंती 2025 में भक्ति और आस्था का यह पर्व पूरे देश में उल्लास के साथ मनाया जाएगा—दो बार, दो भावनाओं के साथ।

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