प्रधानमंत्री मोदी ने सुनीता विलियम्स को भारत आने का निमंत्रण, कहा – “आप हमारे दिलों के करीब हैं”

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित वापसी की शुभकामनाएं दीं और भारत आने का निमंत्रण दिया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिखे गए इस पत्र को साझा करते हुए बताया कि भारत की इस बेटी के प्रति प्रधानमंत्री ने अपना स्नेह और सम्मान व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा,
“भले ही आप हजारों मील दूर हैं, लेकिन आप हमारे दिलों के बहुत करीब हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत के 1.4 अरब लोग उनकी सफलता और कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

सुनीता विलियम्स की उपलब्धियों पर गर्व

प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से हुई, जहां सुनीता विलियम्स का जिक्र हुआ। उन्होंने कहा,
“हमने इस पर चर्चा की कि आपके कार्यों पर हमें कितना गर्व है। इस चर्चा के बाद, मैं आपको पत्र लिखने से खुद को रोक नहीं सका।”

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि जब उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की, तो उन्होंने हमेशा सुनीता विलियम्स की कुशलता और भलाई के बारे में पूछा।

भारत में स्वागत की तैयारी

प्रधानमंत्री ने पत्र में सुनीता विलियम्स को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण देते हुए कहा कि देश गर्व के साथ अपनी बेटी की मेजबानी करने के लिए तैयार है। उन्होंने लिखा,
“आपकी वापसी के बाद, हम भारत में आपका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात होगी कि हम अपनी एक प्रतिष्ठित बेटी का अभिनंदन करें।”

पीएम मोदी ने पत्र के अंत में सुनीता विलियम्स के परिवार के सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि उनकी मां बोनी पंड्या निश्चित रूप से उनकी वापसी का इंतजार कर रही होंगी। उन्होंने स्वर्गीय दीपकभाई को भी याद किया और कहा कि उनकी शुभकामनाएं भी सुनीता विलियम्स के साथ हैं।

उन्होंने उनके पति माइकल विलियम्स और साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी विलमोर को भी सुरक्षित वापसी की शुभकामनाएं दीं।

भारत के लिए गर्व का क्षण

प्रधानमंत्री मोदी का यह पत्र न केवल सुनीता विलियम्स की उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान में अपने योगदान और प्रवासी भारतीयों की सफलता पर गर्व करता है।

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