अमित शाह की डेडलाइन के बाद तेज़ हुए ऑपरेशन, नक्सलियों को गृह मंत्री विजय शर्मा का दो टूक जवाब: बंदूक का जवाब बंदूक से मिलेगा

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने की घोषणा के बाद बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों की कार्रवाई और तेज हो गई है। इसी बीच नक्सलियों ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार शांति वार्ता की पेशकश की है। नक्सली नेता रूपेश द्वारा जारी पर्चे में कहा गया है कि यदि सरकार से सकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो वे पूर्ण युद्धविराम लागू करेंगे।

इस पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए नक्सलियों की शांति वार्ता की मांग पर स्पष्ट जवाब दिया है।


🗣️ गृह मंत्री का दो टूक संदेश:

प्रेस वार्ता में विजय शर्मा ने कहा—

“बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। जो शांति वार्ता की बात कर रहे हैं, उन्हें सामने आना होगा।”

उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा जारी पत्र में यह दावा किया गया है कि वे स्कूल और अस्पतालों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन सवाल उठाया कि अगर ऐसा है, तो आदिवासी गांवों में अब तक टीवी, सिंचाई और खेती की सुविधाएं क्यों नहीं पहुंची हैं?


🔎 समिति की जानकारी मांगी

गृह मंत्री ने नक्सलियों से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि उन्होंने जिन ‘समिति’ का जिक्र किया है, वे कौन हैं। उन्होंने कहा,

“राज्य सरकार ने अब तक कोई वार्ता समिति गठित नहीं की है। यदि कोई वार्ता चाहता है, तो वह मुझसे संपर्क कर सकता है। हम सुरक्षा देंगे।”


🛡️ सरेंडर नीति पर बड़ी घोषणा

गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की नई नीति के तहत यदि कोई नक्सली 5-6 सालों से संगठन से जुड़ा हो और सरेंडर करता है, तो उस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

“हम छोटे-बड़े हर समूह से बातचीत को तैयार हैं। लेकिन बातचीत के लिए मुख्यधारा में लौटना होगा।”


🇮🇳 “यह भारत है, चीन नहीं”

शर्मा ने कहा कि यह देश भारत है, लोकतंत्र है, चीन नहीं, जहां संविधान का सम्मान होता है।

“यदि आप संविधान नहीं मानते और अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, तो जवाब भी वैसा ही मिलेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों द्वारा 28 मार्च, 2 और 8 अप्रैल को पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से एक पत्र तेलुगु भाषा में है और सरकार हर सवाल का स्पष्ट उत्तर देने को तैयार है।

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