जीरकपुर (मोहाली): नवरात्र जैसे पवित्र अवसर पर जहां हर कोई सात्विकता और श्रद्धा में डूबा होता है, वहीं जीरकपुर में एक परिवार को एक ऐसा अनुभव हुआ जिसने उन्हें गहरा आहत किया। अष्टमी के दिन, वीआईपी रोड निवासी अमरदीप और कनिका अपने परिवार के साथ सेठी ढाबा पर शुद्ध शाकाहारी भोजन की उम्मीद से पहुंचे।
परिवार का कहना है कि वे लगातार आठ दिन से व्रत पर थे, और अष्टमी के दिन व्रत खोलने के लिए ढाबे पर गए थे। लेकिन जब परोसे गए खाने में हड्डियां निकलीं, तो वे हैरान और दुखी हो गए। उन्हें लगा कि उनकी धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ है। शिकायत करने पर ढाबा मालिक की ओर से यह जवाब मिला कि “नवरात्रि खत्म हो चुकी है,” जिससे उनका आक्रोश और बढ़ गया।
ढाबा मालिक के बेटे वंश सेठी ने सफाई दी कि यह गलती रसोई कर्मचारी से हुई है और दावा किया कि जो हड्डियां मिलीं वे मांस की नहीं, बल्कि सब्जियों की थीं। हालांकि, परिवार इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ।
अब परिवार ने स्थानीय खाद्य विभाग में शिकायत दर्ज कराने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में धार्मिक अवसरों पर किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे।
यह मामला बताता है कि धार्मिक अवसरों पर खाद्य गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर अधिक जिम्मेदारी और सतर्कता बरतने की जरूरत है।