रायपुर। महादेव सट्टेबाजी मामले में सीबीआई की जांच तेज हो गई है। जांच एजेंसी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तीन मोबाइल फोन जब्त कर लिए, जिनकी फारेंसिक जांच होगी। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन CBI की कार्रवाई जारी रही और इस दौरान कई पुलिस अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की गई।
पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी
सीबीआई ने रायपुर और राजनांदगांव स्थित एएसपी अभिषेक माहेश्वरी के आवासों पर छापा मारा। बुधवार को घर पर कोई न मिलने के कारण इन्हें सील कर दिया गया था, लेकिन गुरुवार को माहेश्वरी की मौजूदगी में जांच फिर से शुरू हुई।
इसके अलावा, दो एसआई और चार पुलिसकर्मियों को पूछताछ के लिए CBI दफ्तर बुलाया गया। इनमें जगदलपुर के पुलिसकर्मी सूरज कश्यप, भिलाई क्राइम ब्रांच के तत्कालीन एएसआई पूर्ण बहादुर टिर्की, एएसआई सम्मित मिश्रा और अमित दुबे शामिल हैं।
15 घंटे तक चली छानबीन, डिजिटल साक्ष्य जब्त
CBI ने बुधवार को भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर 15 घंटे तक छानबीन की, जिसके दौरान उनके फोन जब्त किए गए। आईपीएस अभिषेक पल्लव के निवास पर भी छापेमारी हुई, जहां से हार्ड डिस्क और मोबाइल बरामद किए गए। जब्त डिजिटल साक्ष्यों की जांच CBI की फारेंसिक लैब में की जाएगी, जिसमें तीन साल तक का डेटा रिकवर किया जाएगा।
CBI के निशाने पर कई बड़े अधिकारी
CBI ने आईपीएस आनंद छावड़ा, आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल और अभिषेक पल्लव को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके साथ ही उनकी संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।
भूपेश बघेल बनाम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
CBI की कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आमने-सामने आ गए हैं। बघेल ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मार्च के दौरे से पहले CBI छापे उनके भाषण की सामग्री तैयार करने के लिए हो रहे हैं।
बघेल ने केंद्र और राज्य सरकार पर महादेव एप को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि CBI उन्हीं पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने महादेव एप के खिलाफ कदम उठाए थे।
मुख्यमंत्री साय का पलटवार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जो भी महादेव सट्टेबाजी मामले में शामिल होगा, चाहे वह कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।