नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि नागपुर में टॉयलेट के पानी को रिसाइकिल करके सालाना 300 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। उन्होंने यह जानकारी टाइम्स नाऊ समिट 2025 में साझा की, जहां उन्होंने बताया कि वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद लाभकारी साबित हो रहा है।
कैसे हो रही है करोड़ों की कमाई?
गडकरी के अनुसार, वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट और रिसाइक्लिंग की आधुनिक तकनीक का उपयोग कर जल को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है। इस प्रक्रिया से जल संकट को हल करने में मदद मिल रही है और शहर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा, “आप विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन नागपुर में टॉयलेट के पानी से सालाना 300 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है।”
भविष्य की ऊर्जा क्रांति – कचरे से हाइड्रोजन उत्पादन
गडकरी ने आगे बताया कि भारत जल्द ही कचरे से हाइड्रोजन बनाने की तकनीक पर काम करेगा। बायोडाइजेस्टर से मिथेन उत्पन्न कर उसे हाइड्रोजन में बदला जाएगा, जिससे सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा का उत्पादन संभव होगा। अगर यह तकनीक सफल रही, तो भारत जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके ऊर्जा का निर्यातक देश बन सकता है।
आर्थिक और पर्यावरणीय फायदे
गडकरी का यह कदम पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने अन्य शहरों को भी वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग अपनाने की सलाह दी, जिससे जल संकट और ऊर्जा जरूरतों का समाधान किया जा सके।
निष्कर्ष
नागपुर की यह पहल टॉयलेट पानी रिसाइक्लिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो भारत के सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।