रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। ACB/EOW की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ साक्ष्य मजबूत हैं और यह एक गंभीर प्रकृति का अपराध है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
गौरतलब है कि लखमा इस समय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की न्यायिक रिमांड पर रायपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं। उन्हें 15 जनवरी 2025 को ईडी ने पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया था। ईडी का कहना है कि लखमा इस शराब घोटाले के प्रमुख पात्र हैं, जिनकी भूमिका घोटाले की योजना और क्रियान्वयन दोनों में रही है।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि लखमा के कार्यकाल के दौरान आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। करोड़ों रुपये के लेनदेन और अनियमितताओं के दस्तावेजी सबूत मिले हैं। इस मामले में कई अधिकारी और कारोबारी पहले ही गिरफ्त में हैं।
अब जब अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है, तो लखमा के लिए कानूनी लड़ाई और कठिन हो गई है। संभावना है कि वे जल्द ही उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं।