छत्तीसगढ़ के IAS अफसरों की संपत्ति का खुलासा: अमित कटारिया सबसे अमीर, 10 कलेक्टर करोड़पति

रायपुर। छत्तीसगढ़ के IPS अधिकारियों की संपत्ति के बाद अब IAS अफसरों की संपत्ति का भी ब्यौरा सामने आ गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन प्रस्तुत स्वघोषित संपत्ति विवरण के अनुसार, कई अफसर करोड़पति हैं और उनके पास मूल्यवान अचल संपत्तियों का बड़ा भंडार है।


सबसे अमीर IAS: अमित कटारिया के पास 46 करोड़ की संपत्ति

2004 बैच के IAS अधिकारी अमित कटारिया इस सूची में सबसे ऊपर हैं। उनके पास गुड़गांव स्थित बहुमूल्य संपत्तियों समेत कुल 46 करोड़ रुपये की संपत्ति है। गुड़गांव में उनकी संपत्ति की ऊंची बाजार कीमत ने उन्हें राज्य का सबसे अमीर IAS अधिकारी बना दिया है।


टोपेश्वर वर्मा के पास 12.4 करोड़ की सिंगल प्रॉपर्टी

2005 बैच के IAS टोपेश्वर वर्मा के पास एकल प्रॉपर्टी के रूप में 12.4 करोड़ की संपत्ति है, जो उनकी सूझबूझ और निवेश रणनीति को दर्शाती है।


राज्य के 10 कलेक्टर करोड़पति

छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में तैनात कलेक्टरों में से 10 कलेक्टर करोड़पति हैं। इनमें सबसे ऊपर बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल हैं, जिनके पास 2.68 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
अन्य करोड़पति कलेक्टरों में शामिल हैं:

  • राजेंद्र कटारा
  • जन्मेजय महोबे
  • अभिजीत सिंह
  • दिव्या उमेश मिश्रा
  • गोपाल वर्मा
  • सर्वेश्वर भूरे
  • दीपक सोनी
  • लीना मंडावी
  • हरीश एस

वरिष्ठ IAS अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा (1989–2005 बैच)

अधिकारी का नामबैचसंपत्ति (करोड़ में)
अर्पित जैन19891.6
रेणु पिल्लै19914.15
सुबोध सिंह19921.47
अमित अग्रवाल19930.63
मनीष रिचारिया19941.91
प्रियंका शुक्ला19942.5
विकास शील19942.0
आर्यन त्रिपाठी19951.8
नीरज मांडवीकर19972.75
वल्लीश्वरी वासुकि19971.5
गुलशन सिंह20012.04
मयंक श्रीवास्तव20021.55
कमलप्रीत सिंह20022.65

केवल एक प्रॉपर्टी वाले 9 अफसर

कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिनके पास सिर्फ एक अचल संपत्ति है। इनमें ये नाम शामिल हैं:

  • अमित अग्रवाल
  • निखिल चंद्र श्रीवास्तव
  • प्रियंका शुक्ला
  • गोपाल वर्मा
  • दिव्या उईके
  • जितेंद्र शुक्ला
  • टोपेश्वर वर्मा
  • नीरज बंसोड़
  • विपिन श्रीवास्तव

पारदर्शिता की दिशा में सराहनीय पहल

यह संपत्ति विवरण राज्य प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वघोषित संपत्ति के इस सार्वजनिक प्रकटीकरण से आम जनता को प्रशासनिक अधिकारियों की आर्थिक स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल रही है।

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