सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीमों ने तेंदूपत्ता प्रोत्साहन परिश्रमिक में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान जिले में 12 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें सीपीआई नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, वन विभाग के कर्मचारी, तथा प्राथमिक लघु वनोपज समिति के प्रबंधक शामिल हैं।
EOW की प्रारंभिक जांच में सामने आया घोटाला
EOW द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि:
- वन मंडलाधिकारी अशोक कुमार ने वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन में संग्राहकों को दिए जाने वाले करीब 7 करोड़ रुपये के परिश्रमिक का बड़ा हिस्सा गबन किया।
- यह राशि विभागीय अधिकारियों, लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिवक्ताओं या निजी व्यक्तियों के माध्यम से आपराधिक षड्यंत्र के तहत दुरुपयोग की गई।
- आपराधिक षड्यंत्र, सरकारी धन की हेराफेरी और भ्रष्टाचार के आरोप में FIR क्रमांक 26/2025, धारा 409, 120B IPC के तहत 8 अप्रैल 2025 को मामला दर्ज किया गया है।
किन पर हुई कार्रवाई?
छापेमारी में जिन लोगों के ठिकानों पर जांच हुई, उनमें शामिल हैं:
- सीपीआई नेता एवं पूर्व विधायक मनीष कुंजाम
- डीएफओ ऑफिस में पदस्थ कर्मचारी राजशेखर पुराणिक
- लघु वनोपज समितियों के प्रबंधक एवं पोषक अधिकारीगण
छापेमारी में 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नगद, दस्तावेज़, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंक खातों की जानकारी जब्त की गई है।
सीपीआई का आरोप: बदले की राजनीति
सीपीआई ने इस छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि EOW का दावा है कि सभी सबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है।
क्या है तेंदूपत्ता परिश्रमिक योजना?
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को हर सीजन में प्रोत्साहन राशि दी जाती है, ताकि वन उत्पाद संग्रह से उन्हें आर्थिक लाभ मिल सके। इस योजना में हुई हेराफेरी से वनांचल के गरीब संग्राहकों को सीधा नुकसान पहुंचा है।
EOW और ACB की कार्रवाई जारी
अधिकारियों के अनुसार, मामले में और भी लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। दस्तावेज़ों की जांच के बाद अग्रिम गिरफ्तारियां भी संभव हैं। फिलहाल जांच प्रक्रिया जारी है।