मोवा ब्रिज घोटाले के बाद सक्रिय हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव, लोक निर्माण विभाग की ली समीक्षा बैठक

रायपुर। मोवा ओवर ब्रिज में घटिया डामरीकरण के आरोपों के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यों की पहली समीक्षा बैठक ली। यह बैठक नए वित्त वर्ष 2025-26 में बजट स्वीकृति के बाद आयोजित की गई, जिसमें राज्यभर में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता की समीक्षा की गई।


👥 बैठक में कौन-कौन रहे शामिल?

बैठक रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित हुई। इसमें लोक निर्माण विभाग के

  • सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह,
  • प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी,
  • एवं अन्य मैदानी अधिकारी शामिल रहे।

📌 मोवा ब्रिज घोटाले की पृष्ठभूमि:

मार्च 2025 में रायपुर स्थित मोवा ओवर ब्रिज में घटिया डामरीकरण की शिकायतें सामने आई थीं। इस प्रकरण ने विभाग की कार्यशैली और गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े किए थे। इसी संदर्भ में उपमुख्यमंत्री साव ने यह समीक्षा बैठक बुलाई।


🔍 अरुण साव ने दिए ये अहम निर्देश:

  • ✅ सभी निर्माण कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा की जाए।
  • ✅ अधिकारी फील्ड पर जाकर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी करें।
  • ✅ निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराएं।
  • ✅ ठेकेदारों को समयबद्ध कार्य के लिए बाध्य किया जाए।
  • ✅ अभियंताओं से अपेक्षा की गई कि वे अपनी इंजीनियरिंग और प्रशासनिक क्षमता का पूर्ण उपयोग करें।
  • ✅ गुणवत्ता और समय-सीमा दोनों का पालन अनिवार्य किया जाए।

⚙️ उद्देश्य क्या है?

उपमुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश है कि लोक निर्माण विभाग की छवि को सुधारना और जनविश्वास को कायम रखना प्राथमिकता है। विभागीय कामों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ-साथ समयबद्धता जरूरी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *