बीजेपी में बड़ा संगठनात्मक बदलाव: इस हफ्ते होंगे 5 नए प्रदेश अध्यक्ष, जल्द मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष

दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जल्द ही बड़ा संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह के अंत तक पांच राज्यों के लिए नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी, और अप्रैल के अंत तक नया अध्यक्ष पार्टी को मिल सकता है।


क्या है प्रक्रिया?

बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति जरूरी होती है। अब तक 14 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्यों में यह पद अभी खाली है।

इस सप्ताह इन राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति की संभावना प्रबल है, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा।


शीर्ष नेताओं की बैक-टू-बैक बैठकें

इस संगठनात्मक बदलाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, और मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों को आगामी अध्यक्ष के चयन और पार्टी की भविष्य की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।


कौन बन सकता है अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष?

सूत्रों के मुताबिक, तीन बड़े नाम सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं:

  • मनोहर लाल खट्टर (पूर्व हरियाणा मुख्यमंत्री)
  • धर्मेंद्र प्रधान (केंद्रीय मंत्री)
  • भूपेंद्र यादव (केंद्रीय मंत्री और संगठन में प्रभावशाली चेहरा)

इन नामों पर जल्द ही RSS की राय भी ली जाएगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय होगा।


कैबिनेट विस्तार की भी संभावना

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद, मोदी सरकार में कैबिनेट विस्तार और फेरबदल की संभावनाएं भी प्रबल हैं। माना जा रहा है कि इस फेरबदल में NDA सहयोगी दलों जैसे शिवसेना (शिंदे गुट), NCP (अजित पवार गुट) और बिहार से कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।


अध्यक्ष पद का कार्यकाल और देरी की वजह

जेपी नड्डा जनवरी 2020 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। आम तौर पर अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों और राजनीतिक परिस्थितियों के चलते उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। अब पार्टी 2025-26 के राज्य चुनावों और 2029 की तैयारी के तहत नए नेतृत्व को तैयार करना चाहती है।

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