दंतेवाड़ा। बस्तर की पवित्र धरती आज एक ऐतिहासिक पल की गवाह बनी, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और राम नवमी के पावन दिन शाह ने मंच से बड़ा ऐलान किया— अगली नवरात्रि तक बस्तर को लाल आतंक से मुक्त किया जाएगा।
उन्होंने मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर संकल्प लिया कि अब बस्तर की पहचान नक्सलवाद नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति, विकास और गौरव से होगी। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बस्तर पंडुम में देशभर के आदिवासी कलाकार हिस्सा लेंगे और यह आयोजन राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनेगा।
गृह मंत्री ने बस्तर को राम के ननिहाल बताते हुए कहा, “यह भूमि अब राम के आदर्शों से प्रेरित होकर हिंसा नहीं, शांति की मिसाल बनेगी।” उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सराहना करते हुए कहा कि अब तेंदूपत्ता की खरीदी 4000 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से सीधे सरकार करेगी। यह बिचौलियों के युग का अंत और आदिवासियों की आमदनी में इज़ाफा है।
शाह ने दो टूक कहा कि दशकों से आदिवासियों को डर और दलाली में फंसाने वालों का युग अब खत्म हो गया है। बस्तर अब बदलाव के रास्ते पर है।
अंत में उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर को शांति, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र बनाएंगे। अब बस्तर की पहचान डर नहीं, बल्कि गौरव और विकास होगी।