हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं 22 मार्च 2025 का पंचांग, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, व्रत-त्योहार और शुभ-अशुभ समय की जानकारी शामिल है।
दिन और संवत्सर
वार: शनिवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1946
पूर्णिमांत मास: चैत्र
अमांत मास: फाल्गुन
तिथि और नक्षत्र
अष्टमी तिथि: 22 मार्च, 04:24 AM से 23 मार्च, 05:23 AM तक
नवमी तिथि: 23 मार्च, 05:23 AM से 24 मार्च, 05:38 AM तक
मूल नक्षत्र: 22 मार्च, 01:45 AM से 23 मार्च, 03:23 AM तक
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र: 23 मार्च, 03:23 AM से 24 मार्च, 04:18 AM तक
योग और करण
व्यातीपात योग: 21 मार्च, 06:41 PM से 22 मार्च, 06:36 PM तक
वरीयान योग: 22 मार्च, 06:36 PM से 23 मार्च, 05:58 PM तक
बालव करण: 22 मार्च, 04:24 AM से 04:59 PM तक
कौलव करण: 22 मार्च, 04:59 PM से 23 मार्च, 05:23 AM तक
सूर्योदय और चंद्रोदय
सूर्योदय: 6:32 AM
सूर्यास्त: 6:34 PM
चंद्रोदय: 12:54 AM
चंद्रास्त: 12:25 PM
अशुभ समय
राहु काल: 9:33 AM – 11:03 AM
यम गण्ड काल: 2:03 PM – 3:34 PM
दुर्मुहूर्त: 8:08 AM – 8:57 AM
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 12:09 PM – 12:57 PM
अमृत काल: 08:37 PM – 10:20 PM
व्रत और त्योहार
शीतला अष्टमी – इस दिन मां शीतला की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
कालाष्टमी – भगवान भैरव की आराधना से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
ग्रह स्थिति
सूर्य राशि: मीन
चद्रमा राशि: धनु
आज का दिन पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए उत्तम है। किसी भी बड़े निर्णय से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।