रायपुर। राजधानी रायपुर में विश्व बंजारा दिवस के खास मौके पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विशाल बंजारा महाकुंभ का आयोजन हुआ। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और समाज को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बताया।
मुख्यमंत्री का स्वागत पारंपरिक बंजारा पोशाक पहनाकर किया गया और उन्हें समाज द्वारा प्रकाशित स्मृति-पुस्तिका भेंट की गई। कार्यक्रम की शुरुआत श्री गुरुनानक देव और संत सेवालाल महाराज की तस्वीरों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर बंजारा महिलाओं ने पारंपरिक लड़ी नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बंजारा समाज का इतिहास व्यापार और सेवा से जुड़ा रहा है। उन्होंने लखी शाह जी का उल्लेख किया, जिनके पास दो लाख बैल थे और जो रावलपिंडी से काबुल तक व्यापार करते थे। इतना सामर्थ्य होते हुए भी वे विनम्र थे और परोपकार में जीवन बिताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके गांव के आसपास के इलाकों में बंजारा समाज के लोगों से उनके आत्मीय संबंध हैं। उन्होंने ग्राम हथगड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के लोग सामूहिक रूप से कैटरिंग व्यवसाय करते हैं।
उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं की भी जानकारी दी, जैसे महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, और रामलला दर्शन योजना। मुख्यमंत्री ने बंजारा समाज को एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की सराहना की।
विश्व बंजारा दिवस के इस आयोजन में महाराष्ट्र, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि एवं बंजारा समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए।