चेन्नई। श्रीलंकाई नौसेना ने एक बार फिर तमिलनाडु के 11 मछुआरों को अपनी हिरासत में ले लिया है। यह मछुआरे बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ रहे थे, जब श्रीलंकाई अधिकारियों ने उन्हें पकड़कर कांगेसंथुरई नौसेना शिविर भेज दिया।
तमिलनाडु में बढ़ा आक्रोश
रामेश्वरम मछुआरा संघ के अनुसार, अक्सर भारतीय मछुआरों को इस तरह से हिरासत में लिया जाता है, जिससे उनके जीवन और रोजगार पर संकट मंडराने लगता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन इस मुद्दे को लेकर कई बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अब तक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।
भारत-श्रीलंका संबंधों में नया विवाद
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका दौरे पर जाने वाले हैं। ऐसे में भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है।
लगातार हो रही हैं गिरफ्तारियां
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मार्च 2024: पंबन क्षेत्र से 14 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार
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फरवरी 2024: श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश के आरोप में 32 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार, पांच नौकाएं जब्त
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2024 में अब तक: श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 150 से अधिक भारतीय मछुआरे गिरफ्तार किए गए
श्रीलंका सरकार का रुख
श्रीलंका की सरकार का कहना है कि वे विदेश नीति में तटस्थ रहना चाहते हैं और भारत के साथ चल रही परियोजनाओं से उन्हें कई लाभ भी हुए हैं। लेकिन मछुआरों की गिरफ्तारी का यह मुद्दा दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा सकता है।
क्या होगा आगे?
भारत सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप करेगी और भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करेगी। अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के आगामी श्रीलंका दौरे में इस विषय पर कोई ठोस हल निकलता है या नहीं।