रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नकली शराब के गोरखधंधे का एक और बड़ा मामला सामने आया है। आबकारी विभाग की कार्रवाई में तेंदुआ क्षेत्र के एक ढाबे और बीरगांव की एक प्रिंटिंग प्रेस से भारी मात्रा में फर्जी सुरक्षा होलोग्राम, स्टीकर और शराब की बोतलों के ढक्कन बरामद किए गए हैं। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ढाबे में खुलेआम बिक रही थी नकली शराब
आमानाका थाना क्षेत्र स्थित बीएच ढाबा में नकली शराब खुलेआम बेची जा रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर ढाबा संचालक संकटमोचन सिंह के खिलाफ छापा मारा गया, जिसमें:
- देशी-विदेशी शराब की नकली बोतलें,
- फर्जी ढक्कन,
- और विभिन्न डिस्टलरी के नकली होलोग्राम व स्टीकर बरामद हुए।
बीरगांव में प्रिंटिंग प्रेस से बनते थे फर्जी होलोग्राम
जांच को आगे बढ़ाते हुए बीरगांव के लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स स्थित श्री गणेश प्रिंटिंग प्रेस में भी छापा मारा गया, जहां से:
- देशी प्लेन मदिरा के लिए बनाए गए नकली सुरक्षा होलोग्राम की 371 शीट,
- नकली ब्रांडिंग स्टीकर,
- और अन्य जिलों में सप्लाई किए जाने से जुड़े सबूत जब्त किए गए।
प्रेस संचालक गणेश चौरसिया की गिरफ्तारी के साथ एक पूरे नकली शराब नेटवर्क के अस्तित्व के संकेत मिले हैं।
एफआईआर दर्ज, जांच जारी
आबकारी विभाग ने संकटमोचन सिंह (ढाबा संचालक) और गणेश चौरसिया (प्रिंटिंग प्रेस संचालक) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के तार प्रदेश के अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं और अगले कुछ दिनों में बड़े खुलासे संभव हैं।
गंभीरता और भविष्य की रणनीति
यह मामला राज्य की आबकारी नीति और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गहन चिंता का विषय है। नकली शराब न केवल राजस्व क्षति पहुंचाती है बल्कि जन स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। आबकारी विभाग ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही:
और सरकार द्वारा नई टेक्नोलॉजी आधारित सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा सकती है।
विशेष अभियान चलाए जाएंगे,
फर्जी लेबलिंग और पैकेजिंग पर निगरानी बढ़ाई जाएगी,