वेटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने वेटिकन स्थित अपने निवास कासा सांता मार्टा में अंतिम सांस ली। वेटिकन समाचार एजेंसी के अनुसार, पोप पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे और अस्पताल से लौटने के बाद अपने आवास में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे।
लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे
पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी 2025 को डबल निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब एक महीने से अधिक समय तक अस्पताल में इलाज के बाद वे 24 मार्च को अपने निवास लौटे। उनकी सेहत में थोड़ा सुधार हुआ था और उन्होंने अस्पताल से छुट्टी के समय जमा भीड़ को आशीर्वाद भी दिया था।
पोप की देखभाल करने वाले वेटिकन सर्जन डॉ. सर्जियो अल्फिएरी ने बताया था कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें लगातार दवाइयों और निगरानी की जरूरत रहेगी।
एक फेफड़ा युवावस्था में निकाला गया था
पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य पहले से ही जटिल था। युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा संक्रमण के चलते हटाना पड़ा था। यही कारण था कि उन्हें अक्सर सांस संबंधी दिक्कतें होती रहती थीं। साल 2023 में भी उन्हें इसी कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
भारत यात्रा की थी संभावनाएं
पोप फ्रांसिस के भारत दौरे की अटकलें भी चल रही थीं। पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने बताया था कि 2025 के बाद पोप भारत आ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था, लेकिन यात्रा उनकी सेहत और सुविधा पर निर्भर थी।
पोप फ्रांसिस का आखिरी संदेश: शांति और मानवता का आह्वान
अपने अंतिम सार्वजनिक संदेश में, जो ईस्टर के अवसर पर जारी किया गया था, पोप फ्रांसिस ने विश्व नेताओं और आम जनता से जरूरतमंदों की मदद, भूख मिटाने और विकास को बढ़ावा देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था:
“डर से मत झुको, क्योंकि डर अलगाव की ओर ले जाता है। मानवता का सिद्धांत हमारे दैनिक कार्यों का हिस्सा बने रहना चाहिए। शांति के लिए संसाधनों का सही उपयोग करें, न कि विनाश के लिए।”