गरियाबंद में नक्सलियों की काली कमाई उजागर, 8 लाख कैश और हथियार जब्त

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों की काली कमाई का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने जंगलों में माओवादियों का छुपाया हुआ धन, हथियार और नक्सली साहित्य बरामद किया है। एसपी निखिल राखेचा के नेतृत्व में चल रहे अभियान के तहत मैनपुर थाना क्षेत्र के पंडरी पानी इलाके से 8 लाख रुपये कैश और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।

कैसे मिला नक्सलियों का छुपाया हुआ धन?

गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि धमतरी-गरियाबंद-नुआपड़ा डिविजन कमेटी के नक्सलियों ने उगाही की रकम जंगल में छिपा रखी थी। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्चिंग ऑपरेशन चलाया।

20 मार्च की सुबह सुरक्षाबल पंडरी पानी के पहाड़ी इलाके में पहुंचे और तलाशी के दौरान एक पेड़ के नीचे गाड़ा हुआ सफेद बोरा मिला। जब इसे खोला गया तो टिफिन बॉक्स के अंदर 8 लाख रुपये नकद, 13 जिलेटिन छड़ें और नक्सली साहित्य बरामद हुआ।

नक्सलियों पर लगातार शिकंजा कस रही पुलिस

जनवरी 2025 से गरियाबंद पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलताएं हासिल कर रही है—
जनवरी में दो मुठभेड़ों में सेंटर कमेटी मेंबर चलपती समेत 17 नक्सली मारे गए।
फरवरी में बड़ी मात्रा में हथियार नष्ट किए गए।
मार्च में तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
अब नक्सलियों की उगाही का धन जब्त कर लिया गया है।

नक्सलियों को कैश सप्लाई करने वालों पर होगी कार्रवाई

अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि नक्सलियों तक यह पैसा कैसे पहुंचा और उन्हें आर्थिक मदद कौन कर रहा था। इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि गरियाबंद पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों पर पूरी तरह शिकंजा कस चुके हैं।

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