महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की साइबर सेल ने बांग्लादेश से संचालित एक फेसबुक अकाउंट की पहचान की है, जिससे शहर में बड़े पैमाने पर दंगा भड़काने की धमकी दी गई थी। इस अकाउंट से किए गए पोस्ट में लिखा गया कि यह दंगा सिर्फ एक शुरुआत थी, आगे और बड़े दंगे होंगे।
भड़काऊ पोस्ट से हिंसा फैलाने की साजिश
जांच में पता चला कि यह पोस्ट बांग्लादेश निवासी नवाज खान पठान ने किया था। उसने लिखा— “इस बार सिर्फ हमला किया है, अगली बार घरों में घुसेंगे और महिलाओं को उठाएंगे।” यह पोस्ट तेजी से वायरल हुआ, जिसे कई अन्य लोगों ने भी शेयर किया।
साइबर सेल की कार्रवाई
🔹 140+ भड़काऊ पोस्ट और वीडियो की पहचान
🔹 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्शन
🔹 230 संदिग्ध प्रोफाइल की जानकारी मांगकर उन्हें ब्लॉक करने का अनुरोध
🔹 अब तक 91 गिरफ्तारियां
कमलेश तिवारी हत्याकांड का आरोपी भी शक के घेरे में
नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस सैयद असीम अली की तलाश कर रही है। असीम वही शख्स है जो 2019 में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल था।
पुलिस को संदेह है कि नागपुर हिंसा से पहले तीन गुप्त बैठकें हुई थीं, जिनमें असीम अली और अन्य कट्टरपंथी शामिल थे। इन बैठकों में हिंसा फैलाने की पूरी साजिश रची गई।
गुप्त बैठकें और सुनियोजित हमला
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, उपद्रवियों ने पहले पुलिस को चिटणीस पार्क में उलझाया, जबकि असली हिंसा गीतांजलि चौक पर कराई गई। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस हिंसा में बाहरी लोगों की भूमिका थी।
ATS और IB कर रहे जांच
नागपुर हिंसा में आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और राज्य पुलिस की स्पेशल ब्रांच (SID) भी सक्रिय हो गई हैं। खासतौर पर उन गुप्त बैठकों के आयोजकों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने हिंसा की साजिश रची।
आगे क्या?
पुलिस इस मामले में और सबूत जुटाने में लगी है। साथ ही यह जांच कर रही है कि क्या नागपुर हिंसा सिर्फ एक स्थानीय घटना थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी?