म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार (28 मार्च) को आए शक्तिशाली भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है। अकेले म्यांमार में 1002 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 2300 से अधिक घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन सड़कों पर मलबे का ढेर और ढही हुई इमारतें स्थिति की भयावहता बयां कर रही हैं।
थाईलैंड में भी तबाही, 10 की मौत
थाईलैंड में भूकंप से 10 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। बैंकॉक में एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत के गिरने से हड़कंप मच गया। मलबे से घायलों को निकालने का कार्य जारी है।
भारत समेत पांच देशों में झटके महसूस किए गए
इस भूकंप के झटके भारत, चीन, नेपाल और अफगानिस्तान तक महसूस किए गए। अफगानिस्तान में शनिवार सुबह 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
म्यांमार में आपातकाल घोषित, राहत कार्य जारी
भूकंप के कारण म्यांमार में आपातकाल लागू कर दिया गया है। नेपिटॉ, यांगून और मंडाले जैसे शहरों में भारी नुकसान हुआ है। मंडाले में एक ऐतिहासिक बौद्ध मठ ढह गया और एक बांध टूटने से निचले इलाकों में जलभराव हो गया।
भारत ने भेजी राहत सामग्री
म्यांमार की मदद के लिए भारत ने “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजी। भारतीय वायुसेना का C-130J विमान यांगून पहुंच गया, जिसमें टेंट, दवाइयाँ, खाद्य सामग्री और आवश्यक आपूर्ति शामिल हैं।
म्यांमार में स्थिति गंभीर बनी हुई है और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने राहत अभियान तेज कर दिया है।