शुक्रवार (28 मार्च) को म्यांमार और थाईलैंड में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई। अकेले म्यांमार में 694 से अधिक लोग मारे गए, जबकि 1,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए म्यांमार सरकार ने आपातकाल घोषित कर दिया है। वहीं, थाईलैंड में 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
भारत समेत कई देशों में झटके महसूस हुए
भूकंप का असर थाईलैंड, चीन, नेपाल और भारत तक महसूस किया गया। शनिवार रात को म्यांमार और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए। अफगानिस्तान में सुबह 5:16 बजे 4.7 तीव्रता का झटका आया।
यूएसजीएस का अनुमान – 1,000 से अधिक मौतें संभव
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने आशंका जताई है कि म्यांमार में मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है। वहां अस्पतालों में खून की भारी कमी की खबरें सामने आ रही हैं। सरकारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पांच शहरों और कई कस्बों में इमारतें गिर गई हैं और दो प्रमुख पुल भी ध्वस्त हो चुके हैं।
सबसे अधिक तबाही नेपिटॉ में
म्यांमार के प्रमुख शहर मंडाले, नेपिटॉ और यांगून में इमारतें, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नेपिटॉ में 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सेना प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग ने बताया कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
राहत कार्य और विदेशी मदद
म्यांमार सरकार ने विदेशी सहायता स्वीकार कर ली है। संयुक्त राष्ट्र ने 5 मिलियन डॉलर की मदद दी है, जबकि चीन और रूस ने बचाव दल भेजे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी सहायता का आश्वासन दिया है।
थाईलैंड में ऊंची इमारत गिरी, 10 की मौत
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हुई और 101 लोग लापता हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गिरते ही इलाके में धूल का गुबार छा गया और अफरा-तफरी मच गई।
स्थिति गंभीर, हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका
इस विनाशकारी भूकंप से म्यांमार और थाईलैंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत कार्य जारी है, लेकिन लापता लोगों की संख्या बढ़ने से मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।