म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें अब तक 1600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वैज्ञानिकों ने आफ्टरशॉक्स के जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।
334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा
भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के अनुसार, इस भूकंप से 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरोशियन प्लेट की टक्कर जारी रहने से इस क्षेत्र में महीनों तक आफ्टरशॉक्स आते रह सकते हैं।
भूकंप का केंद्र और तबाही का मंजर
USGS (यूएस जियोलॉजिकल सर्वे) के अनुसार, भूकंप म्यांमार के मांडले शहर के पास 10 किलोमीटर की गहराई में आया था। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की संख्या 1600 से अधिक हो गई है, जबकि USGS ने 10,000 से अधिक मौतों की आशंका जताई है।
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 118 सदस्यीय मेडिकल टीम और 60 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना के दो C-17 विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार पहुंचे हैं। इसके अलावा, INS सतपुरा और INS सवित्री भी 40 टन मानवीय सहायता के साथ यांगून के बंदरगाह पर पहुंचे हैं।
चीन भी कर रहा मदद
भारत के अलावा चीन ने भी राहत प्रयासों में हाथ बढ़ाया है। चीन के चुन्नान प्रांत से 37 सदस्यीय दल भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।
म्यांमार सरकार का बयान
म्यांमार की सैन्य सरकार के अनुसार, अब तक 1644 मौतों की पुष्टि हो चुकी है और 2400 से अधिक लोग घायल हैं। भूकंप के कारण सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
म्यांमार में भूकंप से राहत और बचाव अभियान जारी है, लेकिन आफ्टरशॉक्स के खतरे के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं।