कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए सरकार ने कई स्तरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने नौ सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी करेंगे। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी महिलाओं के उत्पीड़न और विस्थापन की जांच के लिए अलग समिति का गठन किया है।
SIT में शामिल होंगे ये अधिकारी
गठित SIT में शामिल अधिकारी:
- 1 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खुफिया शाखा से)
- 2 उपाधीक्षक – एक काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (CIF) से और दूसरा CID से
- 5 निरीक्षक – इनमें 4 CID से और 1 ट्रैफिक पुलिस से
- साइबर अपराध थाना प्रभारी, सुंदरबन पुलिस जिला से
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की पीड़ितों की मदद की घोषणा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात के दौरान घोषणा की कि मुर्शिदाबाद हिंसा में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है।
धुलियान में BSF का फ्लैग मार्च, भारी सुरक्षा तैनात
हिंसा प्रभावित धुलियान शहर में दंगाइयों ने करीब 130 घरों को आग के हवाले कर दिया, महिलाओं से अभद्रता की गई। हालात काबू में लाने के लिए BSF और राज्य पुलिस बल ने फ्लैग मार्च किया और अब वहां अत्यधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर जांच समिति बनाई
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहटकर ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है:
- विजया रहटकर (अध्यक्ष)
- अर्चना मजूमदार (सदस्य)
- शिवानी डे (डिप्टी सचिव)
यात्रा कार्यक्रम:
- 17 अप्रैल: समिति कोलकाता पहुंचेगी
- 18 अप्रैल: माल्दा जिले में विस्थापित महिलाओं से मुलाकात
- 19 अप्रैल: मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों – शमशेरगंज, जाफराबाद का दौरा
अधिकारियों का दावा – स्थिति अब नियंत्रण में
दक्षिण बंगाल के एडीजी सुप्रतिम सरकार ने कहा कि “स्थिति अब सामान्य है, सभी लोग सुरक्षित हैं।”
सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और संयुक्त बल मौके पर तैनात हैं। अफवाहों से बचने की अपील करते हुए कहा गया है कि नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहाँ से 24×7 सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
पृष्ठभूमि: वक्फ कानून के विरोध से भड़की हिंसा
हिंसा की शुरुआत 11-12 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध में हुई, जो सुती, धुलियान और जंगीपुर तक फैल गई।
धुलियान के मंदिरपाड़ा में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार की भी पुष्टि हुई
3 लोगों की मौत, कई घायल
सैंकड़ों महिलाएं व बच्चे विस्थापित, भागीरथी नदी पार कर माल्दा में शरण