खरमास 2025 अब समाप्ति की ओर है और बस एक सप्ताह बाद, 14 अप्रैल से फिर से शादी-विवाह और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव मीन राशि में होते हैं तो उन्हें कमजोर माना जाता है, और इस अवधि को ही खरमास कहा जाता है। इस दौरान किसी भी मांगलिक कार्य को करना वर्जित होता है।
इस बार 13 अप्रैल को सूर्य मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जो उनकी उच्च राशि मानी जाती है। सूर्य के मेष में आने से आदित्य योग बनता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी शुभ कार्यों की शुरुआत फिर से की जा सकती है।
खरमास में शुभ कार्य न करने के पीछे ज्योतिषीय मान्यता है कि इस दौरान ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा हावी रहती है, जिससे विवाह या अन्य शुभ कार्यों में विघ्न आ सकता है। इसलिए शुभता बढ़ने तक यानी सूर्य के मेष राशि में गोचर करने तक इंतजार किया जाता है।
अब जब खरमास 2025 समाप्त हो रहा है, तो अप्रैल में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त सामने आ रहे हैं। 14 अप्रैल से विवाह योग्य दिन शुरू होंगे। इसके बाद 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 अप्रैल को भी विवाह के उत्तम योग हैं। विशेष रूप से 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, जिसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है — इस दिन बिना पंचांग देखे भी विवाह किया जा सकता है।