रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आंगनवाड़ी निरीक्षण के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री ने पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब को निलंबित कर दिया है। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों को सख्त फटकार भी लगाई।
24 अप्रैल 2025 को जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना-चारामा के अंतर्गत सेक्टर चांवडी के आंगनवाड़ी केन्द्र दरगहन क्रमांक-01 का निरीक्षण सुबह 9:45 बजे किया गया था।
🔍 निरीक्षण में क्या मिला?
- केन्द्र में 03 से 06 वर्ष आयु वर्ग के कुल 16 पंजीकृत बच्चों में से केवल 02 बच्चे ही उपस्थित पाए गए।
- इसके बावजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने पोषण ट्रैकर एप्प में सभी 16 बच्चों की उपस्थिति और गर्म भोजन वितरण की झूठी एंट्री की।
- केन्द्र में साफ-सफाई, रेडी-टू-ईट फूड का रखरखाव, और बच्चों के बैठने की व्यवस्था अत्यंत खराब मिली।
- निरीक्षण रजिस्टर से स्पष्ट हुआ कि पिछले 3 महीनों से सेक्टर पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब ने न तो केन्द्र का निरीक्षण किया और न ही कोई टीप दर्ज की।
- पोषण ट्रैकर एप्प में सही तरीके से एंट्री करने का मार्गदर्शन भी कार्यकर्ता को नहीं दिया गया था।
⚖️ निलंबन आदेश में क्या कहा गया है?
पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब को उनके कर्तव्य में घोर लापरवाही और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इसके चलते उन्हें छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में हर्षलता जेकब का मुख्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर बस्तर कांकेर रहेगा। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।