रांची, 18 अप्रैल – झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में स्वीडन और स्पेन की प्रस्तावित विदेश यात्रा को लेकर राजनीतिक भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस यात्रा की मंशा और प्रतिनिधिमंडल की संरचना पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह यात्रा उस वक्त हो रही है जब राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है, बिजली संकट गहरा रहा है और हत्याएं आम हो गई हैं।
“उद्योग मंत्री को छोड़ पत्नी को क्यों ले जाया गया?”
मरांडी ने सवाल उठाया कि अगर इस यात्रा का उद्देश्य विदेशी निवेश लाना है,
- तो उद्योग मंत्री को प्रतिनिधिमंडल से बाहर क्यों रखा गया है?
- जबकि उद्योग विभाग के सचिव और निदेशक शामिल हैं, मंत्री का नाम गायब है।
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “क्या निवेश की बातचीत में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती?”
“कल्पना सोरेन की हैसियत क्या?”
भाजपा नेता ने कहा कि कल्पना सोरेन, जो मुख्यमंत्री की पत्नी और विधायक हैं, आखिर सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा किस हैसियत से बनीं?
मरांडी ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है, जब उद्योग मंत्री को नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने याद दिलाया कि कोलकाता में हुई एक निवेश बैठक में भी मंत्री को अंतिम समय पर अपमानित कर बाहर रखा गया, और मुख्यमंत्री अपनी पत्नी को साथ ले गए थे।
“सरकारी पैसे से निजी दौरा?”
बाबूलाल मरांडी ने सवाल किया:
“यदि यह दौरा सरकारी है, तो कल्पना सोरेन किस पद पर शामिल हो रही हैं?”
“और यदि यह निजी दौरा है, तो फिर सरकारी अधिकारियों की फौज और खर्च क्यों?”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिनिधिमंडल में एक ऐसे सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी को भी शामिल किया गया है, जिनकी ‘ख्याति’ पूरे प्रदेश में जानी-पहचानी है।
“सहयोगी मंत्रियों को किया जा रहा है अपमानित”
भाजपा का आरोप है कि हेमंत सोरेन सरकार में सहयोगी दलों के मंत्रियों को प्रणालीबद्ध तरीके से अपमानित किया जा रहा है।
मरांडी ने कहा, “राज्य के सारे महत्वपूर्ण निर्णय अब अघोषित रूप से मुख्यमंत्री की पत्नी के इशारे पर हो रहे हैं।”