गरियाबंद। गरियाबंद जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति तब उजागर हुई जब राजिम विधायक रोहित साहू और महिला बाल आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकांश डॉक्टर और स्टाफ ड्यूटी से नदारद मिले, जिससे विधायक ने कड़ी नाराजगी जताई और लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर कड़ा रुख
विधायक रोहित साहू ने अस्पताल की हाजिरी पंजी का निरीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि कई डॉक्टर और नर्स तीन-चार दिनों से गैरहाजिर थे, जबकि कुछ डॉक्टरों के हस्ताक्षर ही दर्ज नहीं थे। इस लापरवाही पर उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने और नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश जिला स्वास्थ्य अधिकारी को दिए।
विधायक रोहित साहू का बयान:
“गरीबों और आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही अस्पताल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाएगा, ताकि स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।”
महिला बाल आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा ने भी अस्पताल की दुर्दशा पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों, महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना है, लेकिन अस्पताल की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी और नेता
निरीक्षण के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रिखी राम यादव, जनपद अध्यक्ष सोहन ध्रुव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष लालिमा ठाकुर, गरियाबंद मंडल अध्यक्ष सुमित पारख, पार्षद सूरज सिन्हा, सागर मयाणी सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
अब क्या बदलेगा?
इस औचक निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। मरीजों और उनके परिजनों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और लापरवाह कर्मचारियों पर सख्ती की जाएगी।