भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में 10.8 बिलियन डॉलर बढ़कर 676.3 बिलियन डॉलर हो गया है। यह लगातार पांचवां सप्ताह है जब देश के फॉरेक्स रिजर्व में वृद्धि हो रही है।
इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 9 बिलियन डॉलर का इजाफा है, जिससे यह 574.08 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई हैं। इसके अलावा, भारत का गोल्ड रिजर्व भी 1.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 79.36 बिलियन डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 186 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.36 बिलियन डॉलर तक पहुंच गए हैं।
आरबीआई के अनुसार, पिछले हफ्तों में विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप और मुद्रा के मूल्यांकन (Revaluation) के कारण फॉरेक्स रिजर्व में सुधार आया है। इसके अलावा, 2024 में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 704.88 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका था।
मजबूत फॉरेक्स रिजर्व से भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर रखने में मदद मिलती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि यदि रुपये की कीमत गिरने लगे, तो RBI डॉलर बेचकर इसे स्थिर कर सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में भारत का व्यापार घाटा घटकर 14.05 बिलियन डॉलर रह गया, जो पिछले तीन सालों में सबसे कम है। इस दौरान भारत के निर्यात में स्थिरता रही, जबकि आयात में कमी आई, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रही है।
इस बढ़ते फॉरेक्स रिजर्व के साथ, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है, जो अब 15.75 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।