दुर्ग रेप-मर्डर केस: मासूम को न्याय दिलाने एसआईटी गठित, सुप्रीम कोर्ट के वकील करेंगे पैरवी

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या के जघन्य मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन कर दिया है। जिला एसपी ने इस संवेदनशील केस की गहन जांच और त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से एसआईटी बनाई है, जिसकी कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मिनी तंवर को सौंपी गई है।

एसआईटी में दो निरीक्षक, दो उपनिरीक्षक, दो सहायक उपनिरीक्षक और एक प्रधान आरक्षक को शामिल किया गया है। यही टीम अब चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगी।

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की टीम करेगी पैरवी

इस निर्मम रेप-मर्डर केस की न्यायिक लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 5 वरिष्ठ वकीलों का पैनल दुर्ग पहुंचेगा। स्थानीय वकील राजकुमार तिवारी और उनकी टीम बिना फीस के केस लड़ेंगे, जबकि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फीस जन सहयोग से अदा की जाएगी। भाजपा विधायक रिकेश सेन ने बताया कि इस मामले को लेकर बांसुरी स्वराज से भी बातचीत हुई है।

समाज में गुस्सा और पीड़िता को न्याय की मांग

रामनवमी के अवसर पर कन्या भोज के लिए निकली मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर देने वाला आरोपी मृतका का चाचा निकला, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दुर्ग बार एसोसिएशन ने आरोपी की कोई भी कानूनी पैरवी न करने की शपथ ली है, वहीं स्थानीय यादव समाज ने आरोपी को फांसी की सज़ा देने की मांग की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने घटना पर दुख जताते हुए आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने का भरोसा दिया है। गृहमंत्री ने कहा कि समय-सीमा के भीतर चार्जशीट दायर की जाएगी और उम्मीद है कि कोर्ट इस पर समाज के अनुरूप निर्णय देगा।

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