कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव हुए नक्सलमुक्त, विकास को मिलेगी नई रफ्तार

कबीरधाम। छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। राजनांदगांव रेंज के अंतर्गत आने वाले तीन जिले – कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव – को अब आधिकारिक रूप से नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद इन जिलों से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की चरणबद्ध वापसी शुरू हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, अब इन क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति बढ़ने की पूरी संभावना है।

35 साल बाद बड़ी सफलता

राजनांदगांव जिले में 1992 से नक्सल गतिविधियों की शुरुआत हुई थी, जब बकरकट्टा क्षेत्र में पहली बार नक्सलियों ने हमला किया था। इसके बाद से लगभग 35 वर्षों तक इस क्षेत्र में नक्सल मूवमेंट सक्रिय रहा। इस दौरान कई बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें सबसे दर्दनाक घटना 12 जुलाई 2009 की थी। इस दिन एक भीषण नक्सली हमले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे।

ग्रामीणों और जवानों पर हमले

विगत वर्षों में नक्सलियों ने कई ग्रामीणों की हत्या, आगजनी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं अंजाम दीं। इन हमलों से इन जिलों के आम नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ था। लेकिन हालिया वर्षों में पुलिस की सख्त कार्यवाही, नक्सलियों के आत्मसमर्पण और अभियानों में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने से इस क्षेत्र में शांति स्थापित हुई है।

विकास की राह होगी आसान

अब जब इन जिलों को नक्सलमुक्त घोषित किया गया है, नक्सल विरोधी अभियानों के लिए मिलने वाली लगभग 30 करोड़ रुपए की वार्षिक राशि बंद हो जाएगी, लेकिन इसके बदले में सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

आईजी दीपक झा का बयान

राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक कुमार झा ने जानकारी दी कि, “हमारे रेंज के अंतर्गत आने वाले राजनांदगांव, खैरागढ़ और कबीरधाम जिले अब नक्सलमुक्त हो चुके हैं। पहले ये इलाके एमएमसी जोन (मध्य भारत मोबिलाइज़ेशन कमेटी) के अंतर्गत आते थे, लेकिन अब यहां नक्सल गतिविधियां नगण्य हो गई हैं। कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है और कई मारे गए हैं।”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *