छत्तीसगढ़ में खेल प्रशिक्षक भर्ती विवाद, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला

रायपुर। छत्तीसगढ़ खेल प्रशिक्षक भर्ती विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। खेल प्रशिक्षकों की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता शिथिल करने संबंधी अधिसूचना को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ खेल प्रशिक्षक संघ ने रिट याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने खेल सचिव और संचालक को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

संघ के अध्यक्ष विरेंद्र देशमुख ने बताया कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री को भ्रामक जानकारी दी। इसी आधार पर प्रशिक्षक पद की शैक्षणिक योग्यता में शिथिलीकरण का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट से पास कराया गया। इसकी अधिसूचना 23 जुलाई 2025 को जारी हुई और 25 जुलाई 2025 को प्रकाशित हुई। देशमुख ने इसे “छत्तीसगढ़ खेल जगत का काला अध्याय” बताया।

उन्होंने कहा कि खेल विभाग में अंतिम बार 2011 में सीधी भर्ती हुई थी। इसके बाद कई बार वित्त विभाग से अनुमति मिलने (9 दिसंबर 2013, 30 सितंबर 2016 और 12 अक्टूबर 2017) के बावजूद भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। इससे साफ है कि विभाग योग्य उम्मीदवारों को अवसर देने में गंभीर नहीं है।

देशमुख ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान (एनआईएस) पटियाला या उसके समकक्ष संस्थानों से खेल प्रशिक्षण डिप्लोमा ही मान्य होता है। यह एक तकनीकी कोर्स है, जो केवल एक खेल विधा में विशेषज्ञता प्रदान करता है। जबकि बीपीएड और एमपीएड धारकों को प्रशिक्षक पद पर नियुक्त करना नियमों के विरुद्ध है। भारत सरकार के केंद्रीय विभाग और सभी राज्य सरकारें भी प्रशिक्षक भर्ती में केवल एनआईएस डिप्लोमा-डिग्री को ही मान्यता देती हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *