छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को भले ही सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई हो, लेकिन अब भी मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। शुक्रवार को दिल्ली से आई CBI टीम ने रायपुर स्थित उनके निवास पर दबिश दी, जिससे एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में आ गया है।
🏛️ सुप्रीम कोर्ट से मिली थी सशर्त जमानत
दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने अनिल टुटेजा को एक वर्ष से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के आधार पर ईडी के केस में जमानत दी थी। हालांकि यह राहत सीमित रही, क्योंकि टुटेजा के खिलाफ EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) का मामला भी दर्ज है, जिसके चलते वे अब तक जेल से बाहर नहीं आ सके हैं।
🍾 क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान सरकारी शराब बिक्री के नाम पर ₹2,000 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया।
इस पूरे प्रकरण में मुख्य आरोपियों में शामिल हैं:
- अनिल टुटेजा (पूर्व IAS)
- अरुणपति त्रिपाठी (आबकारी विभाग के पूर्व MD)
- अनवर ढेबर (प्रमुख कारोबारी)
ED की जांच में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने सिंडिकेट बनाकर यह घोटाला अंजाम दिया।
🔍 अब CBI की जांच तेज
CBI की दिल्ली यूनिट ने अब इस घोटाले को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। शुक्रवार को हुई दबिश को इसी दिशा में जांच का विस्तार माना जा रहा है। यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में नई गिरफ्तारियां या संपत्ति जब्ती जैसी कार्रवाइयाँ तेज़ हो जाएँ।