छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई शराब दरों की घोषणा कर दी है। विभाग का दावा है कि 1 अप्रैल से शराब की कीमतों में 4% की कमी आएगी, जिससे 1000 रुपये की बोतल पर ग्राहकों को 40 रुपये तक की राहत मिलेगी। हालांकि, पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ में शराब अभी भी महंगी रहेगी। उदाहरण के लिए, बैगपाइपर व्हिस्की मध्यप्रदेश में 1250 रुपये में मिल रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में इसकी कीमत 1800 रुपये होगी।
नई नीति के तहत शराब खरीदी प्रक्रिया पूरी
आबकारी विभाग ने शराब खरीद प्रक्रिया के लिए रेट ऑफर जारी किए और 20 मार्च को कंपनियों से बातचीत कर समझौता किया। इसके बाद फुटकर दरें तय कर सभी जिलों के कलेक्टरों को सर्कुलर भेज दिया गया।
प्रदेश में 67 नई शराब दुकानें खुलेंगी
1 अप्रैल से लागू होने वाली नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश में 67 नई शराब दुकानें खोली जाएंगी। वर्तमान में राज्य में 674 शराब दुकानें संचालित हैं, जिनमें प्रीमियम शॉप्स भी शामिल हैं। हालांकि, आबकारी विभाग के फैसलों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कुछ चुनिंदा कंपनियों की शराब ही खरीदी जा रही है।
लोकल ब्रांड को तवज्जो, इंटरनेशनल ब्रांड्स को अप्रूवल नहीं
सूत्रों के अनुसार, यूएसएल और रेड लेबल जैसे बड़े विदेशी ब्रांड को अप्रूवल नहीं मिला है। राज्य में सबसे ज्यादा बिक्री पौव्वा शराब की होती है, लेकिन इंटरनेशनल ब्रांड्स के बजाय लोकल ब्रांड के साथ अधिक कीमत पर एग्रीमेंट किए गए हैं। इससे शराब उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है।