छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में अहम संशोधन किया है। यह बदलाव 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया और इसका उद्देश्य निवेशकों को अधिक लचीलापन देना और श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
संशोधन के तहत अब औद्योगिक इकाइयों को उनकी पट्टे पर दी गई कुल भूमि में से 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक उपयोग के लिए नियमित करने की अनुमति होगी। इसमें प्रशासनिक भवन, कैंटीन या अन्य सहायक सुविधाएं शामिल हैं। पहले इस तरह के उपयोग के लिए सख्त नियम थे, जो उद्यमियों के लिए बाधा बनते थे।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण की भी अनुमति दे दी है। यह निर्णय खासतौर पर उन क्षेत्रों में लाभकारी होगा जहां श्रमिकों के लिए पर्याप्त आवास नहीं है। इससे कर्मचारियों को कार्यस्थल के पास ही रहने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा का समय और खर्च दोनों कम होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन न सिर्फ उद्यमियों को राहत देगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि नियम संशोधन से राज्य में निवेश का माहौल और बेहतर होगा।