नई दिल्ली, 18 अप्रैल। व्यापारियों और नए व्यवसायों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए अधिकारियों को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इस कदम को “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जिसका मकसद है जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हो रही अनावश्यक देरी और दस्तावेजों की अधिक मांग जैसी शिकायतों का समाधान करना।
🔍 क्या हैं नए निर्देश?
- अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि वे केवल निर्धारित दस्तावेजों की सूची के अनुसार ही कार्य करें।
- छोटी-मोटी विसंगतियों या गैर-जरूरी दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी नहीं किया जाएगा।
- यदि किसी विशेष मामले में अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता हो, तो संबंधित उप/सहायक आयुक्त से पूर्वानुमोदन लेना आवश्यक होगा।
- मुख्य आयुक्तों को भी निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रक्रिया की सघन निगरानी करें और जहां आवश्यक हो, ट्रेड नोटिस जारी करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
⚖️ नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती
CBIC ने साफ किया है कि यदि कोई अधिकारी इन नए निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को नियमबद्ध, पारदर्शी और तेजी से निष्पादित करना है।
📉 अनुपालन बोझ में होगी कमी
वित्त मंत्रालय का कहना है कि इन संशोधित दिशा-निर्देशों के चलते:
- करदाताओं पर अनुपालन का बोझ घटेगा।
- प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
- व्यवसायों को रजिस्ट्रेशन में देरी या अनावश्यक अड़चनों से छुटकारा मिलेगा।
🛠️ व्यापारियों के लिए क्या बदलेगा?
प्रोसेसिंग जल्दी और आसान हो जाएगी, जिससे व्यापार जल्दी शुरू किया जा सकेगा।
दस्तावेज अपलोड करते समय अब केवल आवश्यक कागजात ही अपलोड करने होंगे।
अधिकारियों की ओर से अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग की संभावना कम हो जाएगी।