कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुरशीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में वक्फ विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। अदालत ने राज्य सरकार को संवेदनशील इलाकों में पैरामिलिट्री बलों की तत्काल तैनाती का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ और उपद्रव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और शांति व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है।
तीन मौतें, 138 गिरफ्तारियां
पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार की नमाज के बाद शुरू हुई हिंसा शनिवार तक जारी रही, जिसमें कई दुकानों को लूटा गया और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।
केंद्रीय बलों की तैनाती
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सुठी और शमशेरगंज जैसे अत्यधिक संवेदनशील इलाकों में पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। पहले से मुरशीदाबाद में मौजूद 300 बीएसएफ जवानों के साथ मिलकर ये कंपनियां रातभर गश्त कर रही हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर रही हैं।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
धुलियान के एक स्थानीय निवासी सुजीत घोषाल ने कहा, “यह तो बस ट्रेलर है, असली फिल्म अभी बाकी है…” उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा के समय प्रशासन पूरी तरह नदारद था। एक दुकानदार ने बताया कि “मेरी दुकान को आग लगा दी गई, मेरी पत्नी और बच्चे डरे हुए हैं।” लोगों का कहना है कि पुलिस घटना के घंटों बाद पहुंची।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “बंगाल में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बिल को लेकर भड़की हिंसा में हिंदुओं को निशाना बनाया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति की अपील करते हुए कहा कि “कुछ राजनीतिक पार्टियां धर्म का दुरुपयोग कर रही हैं।“
ममता सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं, जबकि पुलिस और प्रशासन हिंसा को रोकने में असफल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, 35 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और हिंदुओं की दुकानों में लूटपाट हुई है।
अदालत की चेतावनी
कोलकाता हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर स्थिति नियंत्रित नहीं हुई, तो अधिक केंद्रीय बल तैनात किए जा सकते हैं। अदालत ने राज्य सरकार से सप्ताह भर में रिपोर्ट देने को कहा है।