रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष ‘प्रेरणा’ में एक महत्वपूर्ण संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को योजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने बस्तर के विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं को अपनी सबसे बड़ी पूंजी बताया और उन्हें कौशल के साथ-साथ स्वाभिमान देने के प्रयासों की बात की। उनके अनुसार, अब बस्तर में हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास होगा, जो इस क्षेत्र की नई पहचान होगी।
बैठक में नक्सलवाद के समूल उन्मूलन की दिशा में सरकार के समर्पण और केंद्र सरकार के सहयोग से किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बस्तर में उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष योजनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर के दूरदराज क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि विकास की गति बनी रहे।
समीक्षा बैठक में बस्तर संभाग के आयुक्त ने योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी दी। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं के तहत 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूर्ण हो जाएं और किसी भी पात्र हितग्राही को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं छूटे। बैठक में बस्तर संभाग के आयुक्त, डीजीपी, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया और क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए जरूरी कदम उठाने का संकल्प लिया।