बस्तर पंडुम 2025: आदिवासी अस्मिता का राष्ट्रीय महोत्सव बनने की ओर

बस्तर पंडुम 2025 का ऐतिहासिक समापन समारोह 5 अप्रैल को शानदार तरीके से संपन्न हुआ। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प लिया। उन्होंने घोषणा की कि अगला बस्तर पंडुम एक राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें देशभर के आदिवासी कलाकार शामिल होंगे।

शाह ने कहा कि इस साल के आयोजन में 47,000 कलाकारों ने भाग लिया, जो 1850 ग्राम पंचायतों और नगर निकायों से जुड़े थे। उन्होंने बस्तर की बोली, वाद्य यंत्र, भजन और परंपराओं को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया और इन्हें संरक्षित करने का आह्वान किया।

बस्तर पंडुम 2025 के समापन अवसर पर अमित शाह ने कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करेंगे, उन्हें “नक्सलमुक्त गांव” घोषित कर 1 करोड़ रुपये की विकास निधि दी जाएगी। तेंदूपत्ता अब सरकार 5500 रुपये प्रति बोरा की दर से खरीदेगी, जिससे बिचौलियों का अंत होगा।

शाह ने कहा कि नक्सली जो आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें सुरक्षा और पुनर्वास मिलेगा। इसके साथ ही हर गांव में स्कूल, अस्पताल, राशन कार्ड, आधार जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। बस्तर के स्थानीय उत्पादों को “वोकल फॉर लोकल” के तहत वैश्विक बाजारों में पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने कहा, अब बस्तर का सपना है – सुकमा से सब-इंस्पेक्टर और कांकेर से कलेक्टर। बस्तर अब बंदूक नहीं, विकास और शिक्षा की आवाज से जाना जाएगा।

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