बांग्लादेश में सियासी घमासान, सेना और राजनीति के बीच बढ़ता टकराव

ढाका: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को लेकर राजनीतिक दलों और सेना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में नवगठित छात्र राजनीतिक दल “नेशनल सिटिजन पार्टी” ने सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह भारतीय हस्तक्षेप का साधन बनी हुई है। इससे राजधानी ढाका की छावनियों में हलचल मच गई और सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।

सेना में बढ़ती हलचल, इमरजेंसी के कयास

बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बीच बांग्लादेश की नौवीं इन्फेंट्री डिवीजन ढाका पहुंच चुकी है। इससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि ढाका में इमरजेंसी लागू हो सकती है। हालांकि, अंतरिम सरकार के गृह सचिव नसीमुल गनी ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। इसके बावजूद राजनीतिक अस्थिरता के कारण राजधानी में तनाव बना हुआ है।

बीएनपी और छात्र नेताओं के आरोप

इस विवाद में प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी कूद पड़ी है। बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने कहा कि सेना को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। दूसरी ओर, छात्र नेताओं का आरोप है कि सेना अवामी लीग का राजनीतिक पुनर्वास करना चाहती है। हालांकि, बयान के बाद अब तक छात्र संगठनों ने कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी है।

क्या बांग्लादेश में हालात बिगड़ेंगे?

बांग्लादेश में बढ़ते सियासी टकराव और सैन्य हलचल को देखते हुए हालात तेजी से बदल रहे हैं। राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश में नई सत्ता व्यवस्था को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। अब देखना यह होगा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र मजबूत रहेगा या फिर सैन्य दखल बढ़ेगा।

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