बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई कलेक्ट्रेट आगजनी हिंसा मामले में आज अदालत में सुनवाई हुई। इस केस में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव समेत 7 अन्य पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र जारी कर दिया है, और अब अगली सुनवाई में अभियोजन साक्ष्य पेश किए जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त जिला कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय और तहसील कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया।
इस मामले में पुलिस ने 13 अलग-अलग FIR दर्ज की थी, जिनमें से अपराध क्रमांक 386/2024 के तहत विधायक देवेंद्र यादव समेत 7 लोगों पर आरोप तय किए गए।
क्या बोले आरोपी विधायक?
अदालत में पेश होने के बाद विधायक देवेंद्र यादव ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया। उन्होंने कहा:
“यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित केस है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस मामले को खत्म किया जाएगा।”
अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया
शासन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मुकुंद देशपांडे ने बताया कि अगली सुनवाई में अभियोजन साक्ष्य और गवाहों की गवाही दर्ज की जाएगी।
आगे क्या होगा?
अब अदालत अगली पेशी में गवाहों की गवाही दर्ज करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है, और यह छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है।